गंगोत्री हिमालय की गोद में स्थित है। हिंदू धर्मग्रंथों में 'मां गंगा' के रूप में जिस नदी का जिक्र आता है, यह उसका उद्गम स्थल है इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी खूब है। यहां के दर्शनीय स्थलों में 18वीं शताब्दी के दौरान गोरखा कमांडर अमर सिंह द्वारा बनवाया गया गंगोत्री मंदिर प्रमुख है।
गंगोत्री के प्राकृतिक सौंदर्य की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। यह स्थान अपने अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। गंगोत्री की यात्रा पर आए सैलानियों को यहां का अलौकिक सौंदर्य मंत्रमुग्ध सा कर देता है। गंगोत्री चूंकि एक खूबसूरत तीर्थस्थल है सो इसके आसपास का वातावरण बहुत ही शांतिमय है। गंगोत्री के आसपास में स्थित तपोवन, नंदनवन तथा गोमुख स्थलों का जब आप पैदल भ्रमण करेंगे तो आपको अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होगा।
लंबे−लंबे देवदार वृक्ष और उनके मध्य से बहती हुई ठंडी हवा सैलानियों का मन बरबस ही मोह लेती है और उन्हें एक सुखद अहसास भी कराती है। यदि आप पर्वतारोही हैं तो आपके लिए यह स्थल और भी बढ़िया है। यहां आप न सिर्फ अपनी पर्वतारोहण की इच्छा पूरी कर सकते हैं अपितु प्रकृति के अलौकिक सौंदर्य का दर्शन भी कर सकते हैं।
वैसे तो सर्दियों के मौसम में यह स्थल बर्फ से ढंका रहता है इसलिए यहां सैलानियों की संख्या कम ही रहती है। लेकिन यदि आप अभी युवा हैं और अपने मित्रों के साथ कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं, तो आप सर्दियों में गंगोत्री जरूर जाइए। यहां के लोगों का भी कहना है कि सर्दियों में यहां युवा सैलानियों की संख्या अधिक रहती है तो अन्य मौसम में सामान्य तीर्थयात्रियों की।
यहां के दर्शनीय स्थलों में गंगोत्री मंदिर, नंदनवन, तपोवन, मनेरी, गंगनानी और गोमुख के साथ ही केदारताल आदि प्रमुख हैं। वैसे इन सबकी यात्रा करने से पहले आइए आपको लिए चलते हैं हरसिल। यह स्थल स्वादिष्ट सेबों और अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर पर्यटन विश्रामगृह के साथ ही लोक निर्माण विभाग का विश्रामगृह एवं विल्सन काटेज भी मौजूद है जिसमें सैलानी आराम फरमा सकते हैं।
आइए अब चलते हैं सात ताल। यहां पर बहुत ही खूबसूरत सी सात झीलें हैं। इन झीलों के आसपास का नजारा भी बहुत सुंदर है आप चाहें तो यहां पर बच्चों के साथ फोटो इत्यादि भी खिंचवा सकते हैं। झील के शीतल जल का एक−दूसरे पर छीटाकंशी करना भी सैलानियों को खूब भाता है।
डोडी ताल भी अच्छी जगह है। इस ताल की दो खास बातें हैं पहली तो यह कि यह एक स्वच्छ जल वाली झील है और दूसरी यह कि यह झील चारों ओर से जंगलों से घिरी हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस झील में हिमालय की प्रसिद्ध मछली ट्राउट भी पाई जाती है।
दयार बुग्याल भी अवश्य जाना चाहिए। यहां विस्तृत घास के मैदान का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। इस स्थान का नाम बुग्याल इसलिए पड़ा क्योंकि स्थानीय भाषा में ज्यादा ऊंचाई पर स्थित घास के मैदान को बुग्याल ही कहा जाता है।
ऋषिकेश यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। आप चाहें तो गंगोत्री तक आने के लिए सड़क मार्ग का भी उपयोग कर सकते हैं जोकि बहुत ही सुविधाजनक है। आप यदि दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार, देहरादून आदि स्थानों के रहने वाले हैं तो आप यहां तक आने के लिए अपने वाहनों का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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