भाई-बहन चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर, पांच सौ से अधिक लोगों से कर चुके हैं ठगी


ग्रेटर नोएडा, संवाददाता। साइबर सेल ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में तीन युवतियां हैं। खास बात है कि भाई-बहन कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। पिछले छह साल से आरोपित यह कार्य कर रहे थे और लोगों को 49 रुपये में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। साइबर सेल ने आरोपितों के कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन सहित नकदी बरामद की है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपित साइन डॉट काम से डाटा चोरी कर उनके ग्राहकों को फोन कर नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। आरोपित पहले दिल्ली और गाजियाबाद के वसुंधरा में भी कॉल सेंटर संचालित कर चुके हैं और वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में कॉल सेंटर के लिए जगह तलाश रहे थे।


युवती ने की थी शिकायत


डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बीटा दो कोतवाली पुलिस से बीते दिनों एक युवती ने शिकायत की थी कि उससे नौकरी दिलाने के नाम पर 13 हजार की ठगी की गई। आरोपितों ने 49 रुपये में पंजीकरण करने की बात कहकर चपत लगाई थी।


बाद में बनी टीम


मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल प्रभारी बलजीत ¨सह की टीम को लगाया गया। टीम महज तीन दिन में आरोपितों तक पहुंच गई और उनके ग्रेटर नोएडा आते ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की पहचान दो भाई आनंद डडवाल व हेमंत डडवाल, अभिषेक ¨सह निवासी गाजियाबाद और निखिल शुक्ला, सम्राट निवासी दिल्ली के रूप में हुई है। इनके अलावा तीन अन्य युवतियों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपित युवतियों में एक आनंद व हेमंत की सगी बहन है। आरोपितों के कब्जे से दो लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन व 20 हजार रुपये बरामद किए गए हैं।


ऐसे करते थे ठगी


आरोपितों ने साइन डॉट काम के नाम से मिलती-जुलती एक वेबसाइट बना ली थी। नौकरी की तलाश में जुटे युवक-युवतियों का डाटा आरोपित चुरा लेते थे। इसके बाद उनको फोन कर कहते थे कि आपका बायोडाटा शार्टलिस्ट हुआ है। यह सुनकर बेरोजगार युवक-युवती खुश हो जाते थे। आरोपित पीडि़तों से कहते थे कि बायोडाटा शार्टलिस्ट होने के बाद 49 रुपये में पंजीकरण करना होगा। जैसे ही पीडि़त वेबसाइट पर अपने कार्ड या पेटीएम से पंजीकरण करते थे, उनके खाते से धोखाधड़ी कर रकम हड़प ली जाती थी।