दिल्ली चुनाव के नतीजे आते ही शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म हो जाएगा: मनोज तिवारी


एल.एस.न्यूज नेटवर्क, नयी दिल्ली। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि शाहीन बाग में पिछले 45 दिनों से चल रहा धरना.प्रदर्शन 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही खत्म हो जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर दिनभर चले इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में सवालों का जवाब देते हुए मनोज तिवारी ने कहा-'ये लोग राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 11 फरवरी को जब रुझान बीजेपी के पक्ष में आना शुरू हो जाएगा तब ये प्रदर्शनकारी शाहीन बाग से टेंट और सामान लेकर अपने आप घर चले जाएंगे। 'ये लोग (विपक्ष) इस मुद्दे को पोलराइज (ध्रुवीकरण) करने की कोशिश कर रहे हैं।


हम लोग मोदी सरकार की सफलता, जैसे 13 करोड़ घरों में शौचालय, 9.5 करोड़ घरों में मुफ्त गैस कनेक्शन, 2.5 करोड़ बेघरों के लिए घर और 80 लाख गरीबों को चिकित्सा खर्च मुहैया कराना, इन सबको हाईलाइट करना चाहते थे। लेकिन ये लोग सड़क को रोककर और दिल्ली के एक हिस्से पर कब्जा करने की कोशिश करके सीएए के मुद्दे पर पोलराइजेशन (ध्रुवीकरण) करने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि दिल्ली पुलिस तो सीधे केंद्र के अधीन काम करती है तो फिर वह शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटा पाने में विफल क्यों रही, मनोज तिवारी ने कहा- 'क्योंकि वहां पर महिलाएं और बच्चे भी बैठे हुए हैं। हर कोई जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज करने की कभी भी इजाजत नहीं देंगे।'


यह पूछे जाने पर कि यदि बीजेपी दिल्ली का चुनाव जीत जाती है और उसके बाद भी अगर प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में अपना धरना.प्रदर्शन जारी रखते हैं तो क्या होगा, इस पर मनोज तिवारी ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। मनोज तिवारी ने कहा- 'कृपया यह समझने की कोशिश कीजिए कि प्रवेश (वर्मा, बीजेपी सांसद) ने क्या कहने की कोशिश की। वे कौन लोग हैं जो इन प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहे हैं? मनीष सिसोदिया (दिल्ली के डिप्टी सीएम) खुलेआम कह चुके हैं कि उनकी पार्टी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी है।' दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भारी प्रताड़ना और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें जबरन इस्लाम अपनाने को मजबूर किया जा रहा है। क्या यह पाप है अगर हमारी सरकार इन शरणार्थियों को नागरिकता देती है ?


क्या यह पहली बार है कि ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दी जा रही है? मनोज तिवारी ने कहा, 'यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी आजादी के बाद पाकिस्तान के सभी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि अगर वे कभी भी शरण के लिए भारत आए तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी। अगर कांग्रेस नागरिकता देती है तो यह अच्छा है, और अगर हम वही चीज करते हैं तो यह गलत है।


सीएए की वजह से ये लोग विरोध नहीं कर रहे हैं, सीएए तो बहाना है और मोदी को देश ने चुन लिया तो सीएए का विरोध कर बदला चुकाना है।' मनोज तिवारी ने वादा किया कि अगर दिल्ली में 22 वर्षों के बाद बीजेपी सत्ता में लौटती है तो नयी सरकार का पहला काम जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में तीन साल पहले भारत विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का होगा। उनलोगों को कोर्ट का सामना करना होगा। मनोज तिवारी ने कहा-'हम अपनी जान देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन हम इस तरह के देश-विरोधी नारे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे'


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